03-Oct-2024
असम जनजाति द्वारा उपयोग किये जाने वाले आठ उत्पादों को GI टैग प्रदान किया गया
भूगोल
चर्चा में क्यों?
चेन्नई में भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री ने असम के आठ उत्पादों को GI टैग प्रदान किया है, जिसमें बोडो ट्रेडिशनल ब्रूअर्स एसोसिएशन द्वारा बनाए गए तीन राइस बियर वैरिएंट शामिल हैं। इनमें 'बोडो जौ ग्वारन', 'मैबरा जौ बिडवी' और 'बोडो जौ गिशी' शामिल हैं। पारंपरिक खाद्य उत्पादों के संघ ने 'बोडो नाफम', 'बोडो ओंडला', 'बोडो ग्वाखा' और 'बोडो नार्ज़ी' के साथ-साथ 'बोडो अरोनाई' वस्त्र के लिये टैग सुरक्षित किये हैं।
भौगोलिक संकेत (Geographical Indication- GI) टैग
- यह एक ऐसा पदनाम है जो किसी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र से उत्पन्न होने वाले उत्पादों पर लागू होता है, जो यह दर्शाता है कि उत्पादों की गुणवत्ता या प्रतिष्ठा स्वाभाविक रूप से उस विशेष क्षेत्र से जुड़ी हुई है।
- बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधी पहलुओं (TRIPS) के अनुच्छेद 22 (1) में GI को इस प्रकार परिभाषित किया गया है, “ऐसे संकेत जो किसी वस्तु की पहचान किसी सदस्य के क्षेत्र, या उस क्षेत्र में किसी क्षेत्र या स्थानिक रूप में उत्पन्न होने के रूप में करते हैं, जहाँ वस्तु की दी गई गुणवत्ता, प्रतिष्ठा या अन्य विशेषता अनिवार्य रूप से उसके भौगोलिक मूल के कारण होती है।”
- उद्देश्य : वे अपने भौगोलिक मूल से जुड़े उत्पादों की विशिष्ट पहचान की रक्षा करने, स्थानीय संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने और दूसरों द्वारा इन उत्पादों के दुरुपयोग या नकल को रोकने में मदद करते हैं।
- इसका संचालन विश्व व्यापार संगठन (WTO) के TRIPS समझौते के तहत होता है।
- भारत में, वे वस्तुओं के भौगोलिक संकेत (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 द्वारा शासित होते हैं।
- एक बार स्वीकृत होने के बाद, वे अनिश्चित काल तक लागू रह सकते हैं, जब तक कि उत्पाद का उत्पादन निर्दिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में जारी रहता है।
- पेरिस अभिसमय के अनुच्छेद 1(2) और 10 में औद्योगिक संपत्ति और भौगोलिक संकेतों की सुरक्षा पर ज़ोर दिया गया है।