26-Sep-2024
अभ्यास ‘AIKYA’
भूगोल
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने भारतीय सेना की दक्षिणी कमान के सहयोग से चेन्नई में आपदा प्रबंधन पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, 'अभ्यास AIKYA' का आयोजन किया।
अभ्यास के बारे में
- तमिल में 'ऐक्य' का अर्थ 'एकता' होता है, जो भारत के आपदा प्रबंधन समुदाय को एकीकृत करने के उद्देश्य को दर्शाता है।
- प्रतिभागियों में छह दक्षिणी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों: तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पुदुचेरी के प्रतिनिधि शामिल थे।
- शामिल संगठन : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD), राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (NRSC), भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS), केंद्रीय जल आयोग (CWC), भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI), भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) और दूरसंचार विभाग (DoT)
- इसमें सुनामी, भूस्खलन, बाढ़, चक्रवात, औद्योगिक दुर्घटनाएँ और वन आग जैसी प्राकृतिक आपदाओं पर चर्चा की गई तथा तमिलनाडु, वायनाड और आंध्र प्रदेश में हाल की घटनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA)
- यह भारत में आपदा प्रबंधन के लिये नीतियां, योजनाएँ और दिशानिर्देश तैयार करने के लिये ज़िम्मेदार सर्वोच्च निकाय है।
- इसका औपचारिक गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अनुसार 27 सितंबर 2006 को किया गया था।
- इसका प्राथमिक उद्देश्य प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के प्रति प्रतिक्रिया का समन्वय करना तथा आपदा लचीलेपन और संकट प्रतिक्रिया में क्षमता निर्माण करना है।
- उद्देश्य : समग्र, सक्रिय और प्रौद्योगिकी-संचालित दृष्टिकोण के माध्यम से एक सुरक्षित और आपदा-प्रतिरोधी भारत का निर्माण करना।
- यह गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
- प्रधानमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं तथा नौ अन्य सदस्य होते हैं तथा एक सदस्य को उपाध्यक्ष पद पर मनोनीत किया जाता है।