19-Sep-2024
सरकार ने PM-AASHA के लिये ₹35,000 करोड़ आवंटित किये
विविध
चर्चा में क्यों?
कैबिनेट ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि वस्तुओं की खरीद के लिये ₹35,000 करोड़ के आवंटन के साथ प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा/PM-AASHA) को जारी रखने को मंज़ूरी दी। इसके अतिरिक्त, रबी फसल के लिये NPK उर्वरकों पर सब्सिडी देने हेतु ₹24,475 करोड़ आवंटित किये गए हैं। PM-AASHA के लिये वित्तीय परिव्यय 15वें वित्त आयोग चक्र से वर्ष 2025-26 तक बढ़ाया गया है।
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA)
- यह योजना किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का आश्वासन प्रदान करने के लिये बनाई गई है।
- यह किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने की वर्ष 2018 के केंद्रीय बजट में केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
- उद्देश्य
- किसानों को मूल्य में उतार-चढ़ाव से बचाना तथा यह सुनिश्चित करना कि उन्हें उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिले।
- जब बाजार मूल्य MSP से नीचे चले जाएँ तो फसलों की खरीद की सुविधा प्रदान करके संकटग्रस्त बिक्री को रोकें।
- आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर करना ताकि उन्हें उपभोक्ताओं के लिये वहनीय बनाया जा सके।
- मुख्य परिवर्तन
- मूल्य समर्थन योजना (PSS) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (PSF) का अभिसरण किया गया।
- तुअर, उड़द और मसूर पर 100% खरीद नीति लागू होती है।
- ई-समृद्धि और ई-संयुक्ति पोर्टल जैसे प्लेटफॉर्मों के माध्यम से विस्तारित खरीद के लिये वित्तीय गारंटी को बढ़ाकर 45,000 करोड़ रुपए कर दिया गया।
- टमाटर जैसी फसलों तक विस्तारित और सब्सिडीयुक्त खुदरा बिक्री को बढ़ावा दिया जाता है (जैसे, भारत दाल, आटा, चावल)।
- तिलहनों का कवरेज राज्य उत्पादन के 25% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया।
- केंद्र सरकार MSP और बाज़ार मूल्य के बीच के अंतर का 15% वहन करेगी।
- शीघ्र खराब होने वाली बागवानी फसलों के लिये कवरेज 20% से बढ़ाकर 25% कर दिया गया।
- सरकार टमाटर, प्याज व आलू (TOP) जैसे फसलों के परिवहन और भंडारण लागत को वहन करेगी, जिससे किसानों के लिये उचित मूल्य एवं उपभोक्ताओं के लिये मूल्य स्थिरता सुनिश्चित होगी।