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 29-Apr-2025

I4C एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

चर्चा में क्यों? 

केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहल, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) को वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग द्वारा अधिसूचना के साथ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के अंतर्गत लाया गया है। 

ध्यान देने योग्य मुख्य बिंदु 

  • I4C की भूमिका: यह नया समावेश I4C को कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करके साइबर-सक्षम वित्तीय अपराधों के विरुद्ध अपनी लड़ाई को सुदृढ़ करने में सक्षम करेगा। 
  • PMLA 2002 की धारा 66: इस धारा के तहत, I4C को अब जाँच के लिये प्रवर्तन निदेशालय के साथ आवश्यक जानकारी साझा करने का अधिकार होगा। 
  • सूचना का प्रकटीकरण: प्रवर्तन निदेशालय या इसके द्वारा नियुक्त प्राधिकारी अब अपने पास उपलब्ध जानकारी को साझा कर सकते हैं, जिससे धन शोधन गतिविधियों के विरुद्ध लड़ाई में बेहतर समन्वय स्थापित होगा।

भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C): परिचय 

  • स्थापना: भारत में साइबर अपराधों को संबोधित करने के लिये केंद्रीय बिंदु के रूप में कार्य करने के लिये केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत वर्ष 2020 में I4C का आधिकारिक तौर पर उद्घाटन किया गया। 
  • उद्देश्य: इसका उद्देश्य समन्वित तरीके से साइबर अपराध से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता के लिये एक व्यापक ढाँचा और पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करना है। 
  • प्रमुख घटनाक्रम: जुलाई 2024 में, I4C को केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन एक संलग्न कार्यालय बनाया गया।