16-Jun-2025

पवन ऊर्जा

पर्यावरण और पारिस्थितिकी

चर्चा में क्यों? 

वैश्विक पवन दिवस 2025 के अवसर पर, केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री पल्हाद जोशी ने बंगलूरू में आयोजित हितधारक सम्मेलन में यह रेखांकित किया कि पवन ऊर्जा भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा रणनीति की धुरी है।

 

पवन ऊर्जा क्या है? 

  • पवन ऊर्जा गतिज वायु की गतिज ऊर्जा है, जो असमान सौर तापन, पृथ्वी की सतह और घूर्णन के कारण उत्पन्न होती है। 
  • विंड टर्बाइन एक जनरेटर से जुड़े घूर्णन ब्लेडों का उपयोग करके इस ऊर्जा को विद्युत् में परिवर्तित करते हैं। 

कार्य सिद्धांत:

  • जब हवा चलती है तो ब्लेड घूमते हैं, जिससे वायुदाब में अंतर के कारण लिफ्ट और ड्रैग उत्पन्न होता है। 
  • यह गति जनरेटर को घुमाती है, जिससे विद्युत उत्पन्न होती है। 
  • गियर और शाफ्ट अधिक विद्युत् उत्पादन के लिये घूर्णन गति को बढ़ाते हैं। 

पवन ऊर्जा प्रणालियों के प्रकार 

  • तटवर्ती: भूमि पर निर्मित (उदाहरणार्थ, तमिलनाडु में मुप्पंडल पवन फार्म)। 
  • अपतटीय: समुद्र या जलक्षेत्रों में स्थापित, भारत गुजरात तट के निकट इसका विकास कर रहा है। 
  • हाइब्रिड: ग्रिड स्थिरता और बेहतर आउटपुट के लिये पवन और सौर ऊर्जा का संयोजन। 

भारत में प्रमुख पवन ऊर्जा संयंत्र 

पवन ऊर्जा संयंत्र 

स्थान

क्षमता (मेगावाट में) 

मुप्पंडल पवन ऊर्जा संयंत्र 

तमिलनाडु 

1500 

जैसलमेर पवन ऊर्जा संयंत्र 

राजस्थान 

1064 

ब्रह्मनवेल पवन ऊर्जा संयंत्र 

महाराष्ट्र (धुले) 

528 

धालगाँव पवन ऊर्जा संयंत्र 

महाराष्ट्र (सांगली) 

278 

वणकुसवाडे पवन ऊर्जा संयंत्र 

महाराष्ट्र (सतारा) 

259 

 

 सरकारी पहलें:

  • पवन-सौर संयोजन नीति (2018):
  • राष्ट्रीय अपतटीय पवन ऊर्जा नीति (2015): भारत के समुद्री तटों का उपयोग पवन ऊर्जा उत्पादन हेतु।
  • राष्ट्रीय पवन ऊर्जा संस्थान (NIWE): अपतटीय पवन ऊर्जा विकास के लिये नोडल एजेंसी।