04-Jun-2025
महाभियोग
रणनीति
चर्चा में क्यों?
केंद्र सरकार मानसून सत्र में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा (इलाहाबाद उच्च न्यायालय) के विरुद्ध महाभियोग प्रस्ताव लाएगी और इस कार्रवाई के लिये सर्वदलीय समर्थन मांगेगी।
भारत में न्यायाधीशों के लिये महाभियोग प्रक्रिया क्या है?
अर्थ एवं उद्देश्य
- महाभियोग से तात्पर्य संसद द्वारा न्यायाधीशों को पद से हटाने की प्रक्रिया से है (जिसका संविधान में प्रत्यक्ष उल्लेख नहीं है)।
- उदाहरण: वर्ष 2018 में CJI दीपक मिश्रा के विरुद्ध प्रस्ताव रद्द कर दिया गया था।
- यह न्यायिक स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए न्यायिक जवाबदेही सुनिश्चित करता है।
संवैधानिक प्रावधान
- अनुच्छेद 124(4): सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को पद से हटाने से संबंधित है।
- अनुच्छेद 218: उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों पर भी यही नियम लागू होते हैं।
- आधार:
- सिद्ध कदाचार (न्यायिक नैतिकता का उल्लंघन)
- अक्षमता (काम करने में शारीरिक या मानसिक अक्षमता)
महाभियोग प्रक्रिया के चरण
- गति आरंभ
- 100 लोक सभा सांसदों या 50 राज्य सभा सांसदों की आवश्यकता है।
- अध्यक्ष/सभापति प्रवेश पर निर्णय लेते हैं।
- गठित जांच समिति
- प्रस्ताव स्वीकृति के बाद गठित, इसमें न्यायिक और कानूनी सदस्य शामिल होते हैं।
- मामले की जाँच करता है।
- रिपोर्ट एवं चर्चा
- समिति रिपोर्ट प्रस्तुत करती है; संसद विशेष बहुमत (कुल सदस्यों का बहुमत तथा उपस्थित सदस्यों का दो-तिहाई बहुमत) के साथ चर्चा करती है।
- अंतिम निष्कासन
- यदि दोनों सदनों द्वारा अनुमोदन हो जाता है तो प्रस्ताव को हटाने के लिये राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है।
MCQ के माध्यम से तैयारीप्रश्न: निम्नलिखित में से कौन महाभियोग प्रक्रिया के दौरान गठित जाँच समिति का सदस्य नहीं है? (1) भारत के मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश उत्तरः (4) केंद्रीय कानून मंत्री |