19-May-2025
ज्ञानपीठ पुरस्कार
विविध
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य और कवि-गीतकार गुलज़ार को 58वाँ ज्ञानपीठ पुरस्कार 2023 प्रदान किया।
पुरस्कार के बारे में
वर्ष 1961 में स्थापित ज्ञानपीठ पुरस्कार, प्रतिवर्ष उत्कृष्ट साहित्यिक उत्कृष्टता के लिये उत्कृष्ट लेखकों को दिया जाता है। इसमें ₹11 लाख का नकद पुरस्कार, एक कांस्य सरस्वती प्रतिमा और एक प्रशस्ति-पत्र शामिल है।
गुलज़ार
- आयु: 90 वर्ष
- मूल नाम: संपूर्ण सिंह कालरा
- उन्हें भारतीय साहित्य और उर्दू लेखन में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिये सम्मानित किया गया है।
- वर्ष 2002 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, वर्ष 2004 में पद्म भूषण सम्मान और वर्ष 2013 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य
- आयु: 75 वर्ष
- संस्थापक: तुलसी पीठ, चित्रकोट (मध्य प्रदेश) में स्थित है।
- वह एक प्रतिष्ठित हिंदू आध्यात्मिक नेता, शिक्षक और लेखक हैं।
- उनकी उपलब्धियों में 240 से अधिक पुस्तकें लिखना और चार महाकाव्यों की रचना करना तथा कई अन्य साहित्यिक योगदान शामिल हैं।
- उन्हें वर्ष 2015 में प्रतिष्ठित पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
क्या आप जानते हैं?
हिंदी लेखक विनोद कुमार शुक्ल को वर्ष 2024 के लिये 59वें ज्ञानपीठ पुरस्कार का विजेता घोषित किया गया है।