30-Sep-2024
नगालैंड में कैटफिश की नई प्रजाति की खोज हुई
पर्यावरण और पारिस्थितिकी
चर्चा में क्यों?
भारत के नगालैंड में ज़ुलेके नदी में कैटफिश की एक नई प्रजाति की खोज की गई है। यह नदी बराक नदी प्रणाली का हिस्सा है, और यह खोज महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह दर्शाती है कि इस क्षेत्र का जलीय जीवन कितना समृद्ध है। नई खोजी गई मछली को होलोटाइप ZSI FF 9871 के रूप में सूचीबद्ध किया गया है और इसकी लंबाई 75.8 मिमी है।
कैटफिश के बारे में
- वैज्ञानिक नाम: एक्सोस्टोमा सेंटियोनोए
- वर्गीकरण: जगत: एनिमिया; वर्ग: एक्टिनोप्टेरिजिया; परिवार: सिसोरिडे
- यह खोज भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI) की एक टीम द्वारा क्षेत्र के मछली जीवों के सर्वेक्षण के दौरान की गई।
- इसमें अद्वितीय शारीरिक विशेषताएँ हैं जो इसे एक्सोस्टोमा वंश की अन्य प्रजातियों से अलग करती हैं।
- वसा-पंख (पीठ पर एक छोटा पंख) इसकी ऊपरी पुच्छ-पंख किरणों से जुड़ा होता है।
- इसके पृष्ठीय पंख की रीढ़ पर ट्यूबरकल (छोटे उभार)।
- एक पतला सिर
- पृष्ठीय पंख और वसा पंख के बीच बड़ी दूरी।
- छोटी आँखें और कुल 41 कशेरुकाएँ।
नगालैंड
- स्थान : पूर्वोत्तर भारत
- सीमाएँ: उत्तर में अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम में असम और दक्षिण में मणिपुर।
- इसकी पूर्व दिशा में म्याँमार के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा लगती है।
- इतिहास
- 1880 के दशक में नागा हिल्स को ब्रिटिश भारत में मिला लिया गया और बंगाल पूर्वी सीमांत विनियमन के तहत शासित किया गया, जिससे नागा जनजातियों को अर्द्ध-स्वायत्त दर्जा प्राप्त हुआ।
- वर्ष 1957 में, नागा हिल्स ज़िले को तत्कालीन असम राज्य का हिस्सा बनाया गया और नागा नेशनल काउंसिल (NNC) नागा अधिकारों की वकालत करने वाली एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक इकाई के रूप में उभरी।
- वर्ष 1963 में इसे आधिकारिक तौर पर राज्य का दर्जा दिया गया और यह भारत का 16वां राज्य बन गया।
- इसमें 16 प्रशासनिक ज़िले हैं, जिनमें 17 प्रमुख जनजातियों के साथ-साथ अन्य उप-जनजातियाँ भी निवास करती हैं।
- इसकी एक सदनीय विधान सभा है तथा यह संसदीय प्रणाली के तहत कार्य करती है।
- राजधानी: कोहिमा
- मुख्यमंत्री: नेफ्यू रियो
- राज्यपाल: ला गणेशन
- आधिकारिक भाषा: भारतीय अंग्रेज़ी
- जनजातियाँ: अंगामी, एओ, चाखेसांग, चांग, कचारी, खियामनियुंगन, कोन्याक, कुकी, लोथा, फोम, पोचुरी, रेंगमा, संगतम, सुमी, तिखिर, यिमखिउंग, ज़ेलियांग।
- प्रमुख नदियाँ: दिखू, दोयांग, ज़ुंकी, तिज़ु, चाखांग और कोंगन।
- वन्यजीव अभयारण्य और रिज़र्व
- पुलियेबडज़े वन्यजीव अभयारण्य
- पंगती वन्यजीव अभयारण्य
- मोकोकचुंग वन्यजीव अभयारण्य
- इंतांगकी राष्ट्रीय उद्यान
- कोहिमा चिड़ियाघर
- सारामाती वन्यजीव अभयारण्य