26-Sep-2024
ऑपरेशन ब्लू स्टार
भारतीय राजनीति
- यह 5 जून 1984 को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के अंदर छिपे अलगाववादियों को हटाने के लिये एक भारतीय सैन्य अभियान को दिया गया कोड नाम है।
- यह ऑपरेशन 3 जून 1984 को शुरू हुआ और 8 जून 1984 तक चला ।
- इस ऑपरेशन का आदेश तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था, जिसका मुख्य उद्देश्य अमृतसर स्थित हरमंदिर साहिब परिसर (जिसे स्वर्ण मंदिर के नाम से जाना जाता है) पर नियंत्रण करना था।
- भारतीय सेना ने सिख कट्टरपंथी धार्मिक नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले और उनके सशस्त्र अनुयायियों को बाहर निकालने के लिये मंदिर परिसर में प्रवेश किया।
- इस ऑपरेशन के दो घटक थे: ऑपरेशन मेटल, जो मंदिर परिसर पर आक्रमण था, और ऑपरेशन शॉप, जो राज्य के ग्रामीण इलाकों तक सीमित था।
- ऑपरेशन के दौरान भिंडरावाले को उसके अनेक हथियारबंद समर्थकों और नागरिकों सहित मार दिया गया।
- पृष्ठभूमि
- जरनैल सिंह भिंडरावाले चाहते थे कि भारत सरकार आनंदपुर प्रस्ताव पारित करे और सिखों के लिये अलग खालिस्तान राज्य के गठन पर सहमति दे।
- वर्ष 1982 से सिख धर्म के इस कट्टरपंथी नेता ने अपने उद्देश्य के लिये पर्याप्त समर्थन प्राप्त करने में सफलता प्राप्त कर ली थी एवं वर्ष 1983 के मध्य तक उसने स्वर्ण मंदिर परिसर के अंदर गोला-बारूद और अपने अनुयायियों के साथ एक बेस स्थापित कर लिया था।
- इसलिये, भिंडरावाले और उसकी मांगों से छुटकारा पाने के उद्देश्य से यह ऑपरेशन शुरू किया गया था।
- इस ऑपरेशन के परिणामस्वरूप 31 अक्टूबर 1984 को स्वर्ण मंदिर में सैन्य कार्रवाई के प्रतिशोध में इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई।
- राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड
- राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) एक आतंकवाद-रोधी इकाई है जो औपचारिक रूप से 1986 में संसद के एक अधिनियम - 'राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड अधिनियम, 1986' द्वारा अस्तित्व में आई।
- मुख्यालय: मानेसर, गुरुग्राम।
- ऑपरेशन ब्लू स्टार, अक्षरधाम मंदिर पर हमले और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राज्यों को आंतरिक गड़बड़ियों से बचाने के उद्देश्य से आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिये इस तरह के बल के गठन का विचार आया था।
- स्वर्ण मंदिर
- इसे हरमंदिर साहिब या दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है, यह सिखों के लिये सबसे प्रतिष्ठित आध्यात्मिक स्थलों में से एक है।
- स्थान: अमृतसर, पंजाब
- यह हिंदू और इस्लामी स्थापत्य शैली के अद्वितीय मिश्रण के लिये प्रसिद्ध है।
- वर्ष 2010 में स्वर्ण मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।