19-May-2025
PSLV Rocket
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
चर्चा में क्यों?
भारत के मुख्य रॉकेट PSLV में उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद तकनिकी समस्या उत्पन्न हो गई और यह पृथ्वी अवलोकन उपग्रह EOS-09 को इच्छित कक्षा में स्थापित करने में विफल रहा।
ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV)
- PSLV भारत का तीसरी पीढ़ी का प्रक्षेपण यान है तथा द्रव चरण वाला पहला भारतीय रॉकेट है।
- यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित एक स्वदेशी निर्मित प्रक्षेपण प्रणाली है।
- इसका पहला सफल प्रक्षेपण अक्तूबर 1994 में किया गया, जिसके बाद PSLV भारत के लिये एक भरोसेमंद और बहुमुखी अस्त्र बन गया।
- इसने कई भारतीय और विदेशी उपग्रहों को प्रक्षेपित किया है।
- इसने चन्द्रमा के लिये चंद्रयान-1 (2008) और मंगल ग्रह के लिये मार्स ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान (2013) प्रक्षेपित किया।
विशिष्ट विशेषताएँ
- PSLV एक व्यययोग्य प्रक्षेपण यान है, जो निम्नलिखित को स्थापित कर सकता है:
- सुदूर संवेदन उपग्रहों को सूर्य-समकालिक कक्षा (SSO) में स्थापित करना
- छोटे अंतरिक्ष यान को भूस्थिर स्थानांतरण कक्षा (GTO) में भेजना
- यह अपनी बहु-उपग्रह प्रक्षेपण क्षमता के लिये दुनिया भर में जाना जाता है और इसे एक विश्वसनीय, अनुकूलनीय और लागत प्रभावी प्रक्षेपण यंत्र के रूप में देखा जाता है।
- PSLV ने भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला एस्ट्रोसैट का भी प्रक्षेपण किया।
कक्षा क्षमताएँ: PSLV निम्नलिखित उपग्रहों को प्रक्षेपित कर सकता है:
- LEO (निम्न पृथ्वी कक्षा)
- उप-GTO (उप-भूस्थिर स्थानांतरण कक्षा)
- GTO (भूस्थिर स्थानांतरण कक्षा)