29-Apr-2025
सिमिलिपाल टाइगर रिज़र्व
पर्यावरण और पारिस्थितिकी
चर्चा में क्यों?
ओडिशा सरकार ने हाल ही में सिमिलिपाल टाइगर रिज़र्व को राज्य का दूसरा राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया है, जो कि भितरकनिका के बाद दूसरा राष्ट्रीय उद्यान है, जिससे यह भारत का 107वाँ राष्ट्रीय उद्यान बन गया है।
सिमिलिपाल वन: परिचय
- स्थान: छोटानागपुर क्षेत्र के भीतर ओडिशा के मयूरभंज ज़िले में स्थित है।
- प्रमुख नदियाँ: बुरहाबलांग, पलपला बंदन, सलांडी, काहैरी और देव इस वन से होकर प्रवाहित होती हैं।
- एकाधिक संरक्षण
- सिमिलिपाल को वन्यजीव अभयारण्य और टाइगर रिज़र्व (प्रोजेक्ट टाइगर के तहत) का दर्जा प्राप्त है।
- इसे वर्ष 2009 से यूनेस्को के मानव एवं बायोस्फीयर कार्यक्रम के अंतर्गत बायोस्फीयर रिज़र्व के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- यह मयूरभंज हाथी रिज़र्व का भी एक हिस्सा है।
राष्ट्रीय उद्यान क्या है?
परिभाषा: राष्ट्रीय उद्यान एक संरक्षित क्षेत्र है, जो किसी अभयारण्य के भीतर या बाहर स्थित होता है, जो वन्यजीवों और पर्यावरण को उनके पारिस्थितिकी, जीव-जंतु, पुष्प, भू-आकृति विज्ञान या प्राणि विज्ञान संबंधी महत्त्व के आधार पर संरक्षण के लिये उच्चतम स्तर की सुरक्षा प्रदान करता है।
- नियम
- राष्ट्रीय उद्यानों के भीतर किसी भी प्रकार की मानव गतिविधियों की अनुमति नहीं होती, सिवाय उन गतिविधियों के जिन्हें संबंधित राज्य के मुख्य वन्यजीव संरक्षक द्वारा अनुमोदित किया गया हो।
- वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत कुछ जनजातीय समूहों को राष्ट्रीय उद्यानों में निवास करने की अनुमति है।
अधिसूचना प्रक्रिया
- प्राधिकरण: राज्य सरकारें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत राष्ट्रीय उद्यानों की घोषणा करती हैं।
- सीमा परिवर्तन: एक बार अधिसूचित होने के बाद, सीमाओं में तब तक परिवर्तन नहीं किया जा सकता जब तक कि राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड द्वारा अनुमोदन न कर दिया जाए।