18-Jul-2025
ब्लैक होल
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
चर्चा में क्यों?
वैज्ञानिकों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने अब तक देखे गए सबसे विशाल ब्लैक होल संलयन- GW231123 का पता LIGO-Virgo-KAGRA (LVK) गुरुत्वीय तरंग नेटवर्क के माध्यम से लगाया है।
ब्लैक होल संलयन के बारे में
- ब्लैक होल संलयन तब होता है, जब दो ब्लैक होल एक-दूसरे की परिक्रमा करते हुए गुरुत्वीय तरंगें (अंतरिक्ष-काल में लहरें) उत्सर्जित करते हैं, धीरे-धीरे पास आते हैं और अंततः टकराकर एक बड़े ब्लैक होल में परिवर्तित हो जाते हैं।
- इन तरंगों का पता पृथ्वी पर LIGO, Virgo और KAGRA जैसी वेधशालाओं द्वारा लगाया जाता है।
GW231123 का महत्त्व
- दो ब्लैक होल (100 और 140 सौर-द्रव्यमान) मिलकर 225 सौर-द्रव्यमान वाला एक ब्लैक होल बना।
- ये तरंगें अरबों वर्ष पहले उत्पन्न हुई थीं, जिनका पृथ्वी पर पता वर्ष 2025 में चला।
- यह ब्लैक होल असामान्य रूप से बड़ा और तीव्र घूर्णन वाला था, जबकि सामान्यतः ब्लैक होल 60 सौर-द्रव्यमान से छोटे होते हैं।
- यह संकेत देता है कि कुछ सुपरमैसिव ब्लैक होल केवल तारकीय पतन से नहीं, बल्कि ऐसे संलयनों से भी बन सकते हैं।
गुरुत्वीय तरंग नेटवर्क (LVK नेटवर्क)
- गुरुत्वीय तरंग नेटवर्क, जिसे LVK नेटवर्क कहा जाता है, वेधशालाओं की एक अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी है, जो गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता लगाने के लिये सहयोगात्मक रूप से काम करती है।
- LIGO (अमेरिका): वर्ष 2015 में पहली बार गुरुत्वीय तरंगों का पता लगाया, जिससे आइंस्टीन के वर्ष 1916 के सिद्धांत की पुष्टि हुई; इसके लिये वर्ष 2017 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया।
- Virgo (इटली): यह खोज की सटीकता बढ़ाता है और स्रोत की स्थिति निर्धारण में मदद करता है।
- KAGRA (जापान): यह संवेदनशीलता बढ़ाता है और भौगोलिक कवरेज को विस्तारित करता है।
- LIGO-India: अमेरिका के सहयोग से प्रस्तावित एक वेधशाला, जो इस नेटवर्क की क्षमता को और विस्तारित करती है।
MCQ के माध्यम से तैयारीप्रश्न: GW231123 क्यों महत्त्वपूर्ण है? (1) इसने आइंस्टीन के सिद्धांत की पुष्टि की उत्तर: (3) इससे एक विशाल और तेज़ी से घूमने वाला ब्लैक होल बना |