21-Jul-2025
वुलर झील
विविध
चर्चा में क्यों?
वुलर झील में चारों ओर खिले कमल के फूलों ने इसकी प्राकृतिक सुंदरता को पुनः लौटा दिया है, जिससे कश्मीर के स्थानीय निवासियों में आत्मिक प्रसन्नता और नई आशा का संचार हुआ है।
वुलर झील के बारे में
- वुलर झील भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है और एशिया की दूसरी सबसे बड़ी झील है।
- यह जम्मू-कश्मीर के बांदीपुर ज़िले में स्थित है।
- यह झील झेलम नदी से पोषित होती है और 1,580 मीटर की ऊँचाई पर, हरमुख पर्वत की तलहटी में स्थित है।
- यह झील 200 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली हुई है, जिसकी लंबाई 24 किमी और चौड़ाई 10 किमी है।
- इसका निर्माण विवर्तनिक (tectonic) गतिविधियों के कारण हुआ था।
- ऐसा माना जाता है कि यह प्राचीन ‘सतीसर झील’ का शेष भाग है।
- इसके मध्य में ‘ज़ैना लंक’ नामक एक छोटा द्वीप स्थित है, जिसे राजा ज़ैनुल-आबिदीन ने बनवाया था।
- वर्ष 1990 में वुलर झील को रामसर कन्वेंशन के तहत ‘अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि’ घोषित किया गया था।
- कश्मीर में कमल का अत्यधिक सांस्कृतिक महत्त्व है। इसे अक्सर "कश्मीर की रानी" कहा जाता है और यह दृढ़ता, सुंदरता तथा पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
MCQ के माध्यम से तैयारीप्रश्न: जम्मू-कश्मीर स्थित वुलर झील को कौन-सी नदी पोषित करती है? (1) चिनाब नदी (2) रावी नदी (3) झेलम नदी (4) सिंधु नदी उत्तर: (4) झेलम नदी |