12-May-2025
क्लाउड सीडिंग
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
चर्चा में क्यों?
दिल्ली आईआईटी-कानपुर की विशेषज्ञता के साथ पाँच क्लाउड-सीडिंग परीक्षण करने जा रही है।
क्लाउड सीडिंग
- यह एक मौसम संशोधन तकनीक है, जिसका उपयोग सिल्वर आयोडाइड, पोटेशियम आयोडाइड या शुष्क बर्फ जैसे रसायनों को बादलों में फैलाकर वर्षा को बढ़ाने के लिये किया जाता है।
- ये रसायन नाभिक के रूप में कार्य करते हैं, जो जल की बूंदों के निर्माण में सहायता करते हैं तथा वर्षा का कारण बनते हैं।
- यह तकनीक बादलों में बर्फ के क्रिस्टल बनाने में मदद करती है, जिससे कृत्रिम वर्षा हो सकती है।
- इसे गंभीर वायु प्रदूषण, विशेषकर उच्च AQI की अवधि के दौरान, से निपटने की एक संभावित विधि के रूप में देखा जा रहा है।
क्लाउड सीडिंग के प्रकार:
- स्टेटिक क्लाउड सीडिंग: इसमें सिल्वर आयोडाइड या सूखी बर्फ जैसे बर्फ के नाभिक को ठंडे बादलों में डाला जाता है, जिसमें सुपरकूल्ड लिक्विड बूंदें होती हैं। ये नाभिक बर्फ के क्रिस्टल या बर्फ के टुकड़ों के निर्माण को उत्तेजित करते हैं और वर्षा के रूप में गिरते हैं।
- डायनेमिक क्लाउड सीडिंग: यह अधिक जटिल तकनीक वर्षा के बादलों के निर्माण और विकास को बढ़ावा देकर वर्षा को प्रोत्साहित करने के लिये ऊर्ध्वाधर वायु धाराओं को बढ़ाती है। इसे प्रभावी ढंग से काम करने के लिये घटनाओं के एक क्रम की आवश्यकता होती है।
- हाइग्रोस्कोपिक क्लाउड सीडिंग: लवण जैसे हाइग्रोस्कोपिक पदार्थों के बारीक कणों को फ्लेयर्स या विस्फोटकों का उपयोग करके गर्म बादलों के आधार पर छिड़का जाता है। ये कण बादल संघनन नाभिक के रूप में कार्य करते हैं, जिससे बादल की बूंदों का आकार और संख्या बढ़ जाती है, जिससे बादलों की परावर्तकता और स्थिरता बढ़ जाती है।
- ग्लेशियोजेनिक क्लाउड सीडिंग: इस विधि में सिल्वर आयोडाइड या शुष्क बर्फ जैसे बर्फ के नाभिकों को अतिशीतित बादलों में फैलाया जाता है, जिससे बर्फ का निर्माण होता है, जिससे वर्षा होती है।
क्लाउड सीडिंग तकनीकों के प्रकार
क्लाउड सीडिंग के अनुप्रयोग : क्लाउड सीडिंग का उपयोग निम्नलिखित के लिये किया जाता है:
- सर्दियों में हिमपात को बढ़ाना और पर्वतीय क्षेत्रों में हिम परतों को बढ़ाना, जिससे जल आपूर्ति को समर्थन मिलता है।
- ओलावृष्टि को रोकना और कोहरे का फैलाव कम करना।
- सूखा-प्रवण क्षेत्रों में वर्षा को प्रेरित करना।
- वर्षा को बढ़ाकर वायुमंडल से प्रदूषकों को हटाने में मदद करना, जिससे वायु प्रदूषण में कमी आए।