25-Jun-2025
शैववाद और वैष्णववाद
इतिहास
चर्चा में क्यों?
कर्नाटक के उडुपी ज़िले में स्थित पेरदुरू के अनंतपद्मनाभ मंदिर में दुर्लभ शैव और वैष्णव मूर्तिकला नक्काशी से युक्त 15वीं शताब्दी का एक प्राचीन दीपक खोजा गया है।
वैष्णववाद
- उत्पत्ति और विकास
- गुप्त काल के दौरान वासुदेव- भागवत पंथ से उत्पन्न।
- धीरे-धीरे इसमें अन्य वैदिक और ब्राह्मण देवताओं जैसे विष्णु और नारायण को भी शामिल किया गया।
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- भागवत संप्रादाय का उदय लगभग उसी समय हुआ जब बौद्ध धर्म और जैन धर्म का उदय हुआ।
- इसकी जड़ें उपनिषदों की दार्शनिक परंपरा में पाई जाती हैं।
- गुप्त युग के दौरान यह संप्रदाय सर्वाधिक लोकप्रिय हुआ और प्रमुख धार्मिक धारा के रूप में स्थापित हो गया।
- अवतारों का दर्शन:
- उत्तर गुप्त काल में यह संप्रदाय वैष्णव मत के रूप में प्रसिद्ध हुआ, जिसने विष्णु के अवतारों के सिद्धांत को केंद्र में रखा।
- साकार रूप की पूजा: इस मत में भगवान के व्यक्तिगत (साकार) रूप, मुख्यतः राम और कृष्ण के प्रति भक्ति पर ज़ोर दिया गया।
- अलवरों की भूमिका
- अलवार संतों ने भगवान विष्णु के प्रति एकात्मिका भक्ति को बढ़ावा दिया।
- उनके भक्ति गीतों को प्रबन्धों के रूप में संकलित किया गया।
शैववाद
- मुख्य विश्वास
- शैव धर्म भगवान शिव को सर्वोच्च मानता है।
- शिव को सभी चीजों का सृजनकर्त्ता, संरक्षक, संहारक और प्रकटकर्त्ता के रूप में देखा जाता है।
- प्रारंभिक उल्लेख: पाणिनि ने शिव भक्तों के एक समूह को शिव-भागवत कहा है।
- दक्षिण में उत्थान: शैव आंदोलन ने दक्षिण भारत में नयनार के नाम से जाने जाने वाले 63 संतों के प्रयासों से गति मिली। नयनार विभिन्न जातियों से संबंधित थे, जो एक सामाजिक रूप से समावेशी आंदोलन को दर्शाता है।
- साहित्यिक योगदान: उनके भक्तिपूर्ण तमिल भजनों को तेवरम स्तोत्र के रूप में जाना जाता है, जिन्हें द्रविड़ वेद भी कहा जाता है ।
- भक्ति प्रथाएँ: भक्तजन भक्ति के प्रतीक के रूप में माथे और शरीर के अन्य भागों पर पवित्र राख (जिसे भस्म या विभूति कहा जाता है) लगाते हैं।
- दार्शनिक विविधता: शैव धर्म में विभिन्न विचारधाराओं के समृद्ध ग्रंथ शामिल हैं,
- अद्वैतवाद (अभेद)
- द्वैतवाद (भेद)
- मिश्रित दृष्टिकोण (भेदाभेद) - द्वैत और अद्वैत दोनों पहलू
- अद्वैतवाद (अभेद)
MCQ के माध्यम से तैयारीप्रश्न. शैव परंपरा में नयनारों द्वारा रचित भक्ति तमिल भजनों का नाम क्या है? (1) वेद उत्तर: (3) तेवरम स्तोत्र |