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 18-Apr-2025

लोकपाल और लोकायुक्त

भारतीय राजनीति

लोकपाल: परिचय 

संघटन 

  • लोकपाल में एक अध्यक्ष और अधिकतम 8 सदस्य होते हैं। 
  • 50% सदस्य न्यायिक सदस्य होने चाहिये। 
  • कुल सदस्यों में से कम से कम 50% अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अल्पसंख्यक और महिलाओं से होने चाहिये। 

कार्यकाल और नियुक्ति 

  • सदस्य 5 वर्ष तक या 70 वर्ष की आयु तक सेवा करते हैं। 
  • चयन समिति की अनुशंसा के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति, जिसमें शामिल हैं: 
    • प्रधानमंत्री (अध्यक्ष) 
    • लोकसभा अध्यक्ष 
    • विपक्ष का नेता या लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल का नेता 
    • भारत के मुख्य न्यायाधीश या CJI द्वारा नामित सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश 
    • राष्ट्रपति द्वारा नामित एक प्रख्यात विधिवेत्ता 

लोकपाल का क्षेत्राधिकार 

  • प्रधानमंत्री (PM) (अंतर्राष्ट्रीय संबंध, सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष से संबंधित मामलों को छोड़कर)। 
  • केंद्रीय सरकार के मंत्री, संसद सदस्य तथा समूह A, B, C और D के अधिकारी। 

लोकपाल की शक्तियाँ और कार्य 

  • दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (DSPE) द्वारा जाँच का पर्यवेक्षण। 
  • जाँच से संबंधित दस्तावेज़ों की तलाशी लेने और जब्त करने का प्राधिकरण। 
  • केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) को उनके पास भेजी गई शिकायतों पर की गई कार्रवाई के संबंध में लोकपाल को रिपोर्ट देनी होगी। 
  • सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के अंतर्गत जाँच विंग, सिविल कोर्ट की शक्तियों के साथ कार्य करता है। 

लोकायुक्त: परिचय 

  • लोकायुक्त की स्थापना प्रत्येक राज्य द्वारा अलग कानून के माध्यम से की जाती है। 
  • नियुक्ति की संरचना, पात्रता, अवधि और पद्धति राज्य दर राज्य अलग-अलग होती है।