23-Sep-2024
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम
इतिहास
- इसे तिरुपति बालाजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है
- यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले के तिरुपति में तिरुमाला के पहाड़ी शहर में स्थित है।
- यह मंदिर भगवान श्री वेंकटेश्वर , जो विष्णु के अवतार हैं, को समर्पित है।
- मंदिर में दिये जाने वाले प्रसाद , प्रसिद्ध मिठाई, तिरुपति लड्डू को भौगोलिक संकेत (GI) टैग प्राप्त है।
- मंदिर में भगवान को प्रसन्न करने के लिये बाल और विभिन्न प्रकार की वस्तुओं का दान करना एक लोकप्रिय प्रथा है।
- इतिहास
- मंदिर का निर्माण 9 वीं शताब्दी में पल्लव राजवंश के शासनकाल में हुआ था।
- चोल राजवंश ने मंदिर का और अधिक विकास तथा समर्थन किया।
- विजयनगर साम्राज्य ने दक्षिण भारत में अपने धार्मिक महत्त्व को सुदृढ़ करते हुए महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
- 12 वीं शताब्दी में संत रामानुज ने मंदिर और इसके अनुष्ठानों को पुनस्थापित किया।
- वास्तुकला
- यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला में निर्मित है , जिसका निर्माण कार्य लगभग 300 ई. में शुरू हुआ था।
- इसके गर्भगृह में तीन प्रवेश द्वार हैं, पहले द्वार को महाद्वारम कहा जाता है।
- मंदिर के चारों ओर दो परिक्रमा पथ हैं।
- मुख्य मंदिर में सोने से मढ़ा हुआ एक टॉवर, आनंद निलयम है, जिसमें मुख्य देवता विराजमान हैं।
- मंदिर के प्रांगण, स्तंभ और हॉल हिंदू आध्यात्मिकता को प्रतिबिंबित करने वाली जटिल मूर्तियों से सुसज्जित हैं।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम