23-Oct-2024
एक्ट ईस्ट नीति
भारतीय राजनीति
- इसे नवंबर 2014 में "लुक ईस्ट पॉलिसी" के उन्नयन के रूप में घोषित किया गया था।
- यह विभिन्न स्तरों पर विशाल एशिया-प्रशांत क्षेत्र के साथ आर्थिक, सामरिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने की एक कूटनीतिक पहल है।
- इसमें द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय स्तरों पर कनेक्टिविटी, व्यापार, संस्कृति, रक्षा एवं लोगों के बीच संपर्क के क्षेत्र में दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ गहन और निरंतर जुड़ाव शामिल है।
- उद्देश्य: सक्रिय और व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों के साथ आर्थिक सहयोग, सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देना और रणनीतिक संबंध विकसित करना और इस प्रकार उत्तर पूर्वी क्षेत्र (NER) के आर्थिक विकास में सुधार करना, जो दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र का प्रवेश द्वार है।
- यह आसियान देशों + आर्थिक एकीकरण + पूर्वी एशियाई देशों + सुरक्षा सहयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 4C पर प्रकाश डाला -
- संस्कृति
- व्यापार
- कनेक्टिविटी
- क्षमता निर्माण
- क्षेत्रीय स्थिरता: भारत शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिये चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता (QUAD) और इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) जैसे हिंद-प्रशांत ढाँचे में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है।
- प्रभाव को संतुलित करना: दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (ASEAN) के देशों के साथ सहयोग को मज़बूत करने से भारत को इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को प्रबंधित करने में सहायता मिलेगी।
- प्रमुख पहल
- भारत-म्याँमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग
- इंडो-पैसिफिक महासागर पहल (IPOI)
- कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट
- अगरतला-अखौरा रेल लिंक
- भारत-जापान एक्ट ईस्ट फोरम
- आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौता (FTA)
- त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना पूर्वोत्तर को म्याँमार और थाईलैंड से जोड़ती है।